Thursday, March 18, 2010

रहो खुश, दूसरों को भी रखो खुश


नई दिल्ली। दुनिया में खुशी से बढ़कर कोई खजाना नहीं है। जिसके पास खुशी है, वह दुनिया का सर्वाधिक संपन्न व्यक्ति माना जाता है, लेकिन लखपति, करोड़पति और अरबपति होने के बावजूद आज इंसान खुश नहीं है। वह कभी किसी को पछाड़ने की कोशिश में दुखी रहता है तो कभी किसी से पिछड़ जाने पर दुखी रहता है। ऐसे में 'एक्ट हैप्पी डे' इंसान को खुश रहने और दूसरों को भी खुशी से रहने देने की नसीहत देता है।

भारत में 'एक्ट हैप्पी डे' से शायद ही कोई परिचित हो, लेकिन पश्चिम के कई देशों में यह दिन काफी लोकप्रिय हो चला है। हर साल 19 मार्च को मनाया जाने वाला यह दिन अमेरिका में तो किसी उत्सव से कम नहीं होता और वहां के लोग इसे मनाने के लिए 'हैप्पी क्लब्स' में जाते हैं।

ग्रीटिंग कार्ड कंपनियां भी इस मौके को खूब भुनाती हैं और वे खुशी से संबंधित तरह-तरह के संदेश देने के लिए खूबसूरत बधाई कार्ड बाजार में उतारती हैं।

मनोचिकित्सक समीर पारिख का कहना है कि अगर इंसान खुश रहना सीख जाए तो उसकी जिन्दगी सफल हो सकती है। उनका कहना है कि जिसका मन खुशी से भरा होगा, उसका तन भी हमेशा स्वस्थ रहेगा।

डेल कार्नेगी ने भी अपनी पुस्तक 'चिंता छोड़ो, सुख से जीओ' में इंसान को खुश रहने का संदेश दिया है और उन्होंने खुशी को सबसे बड़ी संपत्ति बताया है।

कार्नेगी ने लिखा है कि चिंता छोड़ने से खुशी और खुश रहने से सुख मिलता है, इसलिए मनुष्य को हमेशा खुश रहना चाहिए। अपनी किताब में उन्होंने खुश रहने और सुख से जीने के कई नुस्खे भी सुझाए हैं।

समाजशास्त्री स्वर्ण सहगल का मानना है आज भागमभाग और प्रतिस्पद्र्धा की जिन्दगी में मनुष्य की खुशी खोती जा रही है। कभी उसे पारिवारिक परिस्थितियां खुश नहीं रहने देतीं तो कभी उसे करियर संबंधी परेशानियां दुखी किए रहती हैं। ऐसे में यदि खुशी के नाम पर कोई खास दिवस मनाया जाता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।

अमेरिका और कनाडा में 'एक्ट हैप्पी डे' का सर्वाधिक क्रेज देखने को मिलता है जहां लोग अपने संबंधियों को न सिर्फ फोन या ई-मेल से बधाई देते हैं, बल्कि वे मिलने के लिए उनके घर भी जाते हैं।इस अवसर पर लोग मिठाई भेंट करने के साथ ही एक-दूसरे की खुशी के लिए कामना भी करते हैं।

अनूठी सेक्स लाइफ है पाइप फिश की


पेरिस। नन्हीं सी, चमकने वाली पाइप फिश की सेक्स लाइफ अन्य मछलियों की तुलना में बिल्कुल अलग है, क्योंकि इसमें मादा नहीं बल्कि नर मछली गर्भधारण करती है।दिलचस्प बात यह है कि भविष्य में प्रजनन के लिए संसाधन बचाए रखने की खातिर आवश्यकता के अनुसार, नर पाइप फिश कुछ भ्रूणों का गर्भपात भी कर देती है।

पाइप फिश मत्स्य समूह की दो मछलियों सी हार्स और सी ड्रैगन से मिलती-जुलती है। नर पाइप फिश के शरीर में एक गुहा होती है। मादा पाइप फिश नर पाइप फिश के साथ संसर्ग के दौरान उसके शरीर की इस गुहा में अपने अंडे छोड़ देती है। अंडे इस गुहा में विकसित होते हैं। गर्भकाल 12 से 14 दिन का होता है।इस पारदर्शी गुहा में नर पाइप फिश पांच से लेकर 40 बच्चे रख सकती है। वह उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी करती है।

नए अध्ययन में पाया गया है कि मादा पाइप फिश नर पाइप फिश की गुहा के आधार पर उसकी ओर आकर्षित होती है। वहीं दूसरी ओर नर पाइप फिश बड़े आकार की मादा पाइप फिश को संसर्ग के लिए चुनते हैं।अगर संसर्ग छोटे आकार की पाइप फिश से होता है तो नर पाइप फिश कुछ भ्रूण का गर्भपात कर देता है ताकि भविष्य में प्रजनन के लिए संसाधन बने रहें।