Friday, November 21, 2008

आंखों में गरीबी का दर्द है पर मुस्कुराहट नहीं


आस्कर पुरस्कार की दौड़ में शामिल वृत चित्र 'स्माइल पिंकी' की नायिका पिंकी की आंखों में गरीबी का दर्द है और उसके चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं झलकती व गरीबी से लाचार मां-बाप को सूझ नहीं रहा कि उसका इलाज कैसे कराएं।

प्रसिद्ध वृत चित्र निर्मात्री मेगन माइलन के वृत चित्र 'स्माइल पिंकी' की नायिका पिंकी ही है। उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के अहरौरा इलाके के रामपुर दबही गांव के निवासी राजेन्द्र सोनकर के घर पिंकी का जन्म हुआ और अब वह गांव के ही एक सरकारी स्कूल में कक्षा दो की छात्रा है। एक साल पहले तक कटे होठ और शरीर तथा चेहरे की विचित्र बनावट के चलते पिंकी गांव में हंसी का पात्र थी। वह ना चल पाती थी और न बोल पाती थी।

संयोगवश मेगन माइलन की नजर पिंकी पर पड़ी और उन्होंने उसके पात्र को केंद्र में रखकर एक वृत चित्र बनाया जिसका नाम है 'स्माइल पिंकी' तीस मिनट की इस फिल्म में वह मुख्य पात्र है।पिंकी पिछले पंद्रह दिन से बीमार है तथा उसे तेज बुखार आ रहा है। मजदूरी करने वाला उसका बाप यह समझ नहीं पा रहा है कि रोज मिलने वाली मजदूरी से सात लोगों के परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करे या दुनिया भर में चर्चित हो गई बेटी का इलाज कराए। पिंकी के चार भाई भी हैं जो कम उम्र के हैं तथा रोटी के लिए अपने बाप पर ही आश्रित हैं।

'स्माइल पिंकी' को ग्रामीण परिवेश और पहाड़ी लोकेशन पर फिल्माया गया है जिसमें पिंकी के पिता ने एक लोकगीत भी गाया है। मेगन ने पिंकी का सफल आपरेशन कराकर न केवल उसे मुस्कुराने का हक दिया बल्कि उसे बोलना भी सिखाया। इन दिनों पिंकी बीमार है। वृत चित्र के मुख्य पात्र के पास विदेशों से मिले उपहार के ढेर तो हैं लेकिन उसके मां बाप के पास इलाज का पैसा नहीं है। वह दवा के अभाव में तकलीफ सहने को मजबूर है।

'स्माइल पिंकी' दुनिया के उन आठ वृत चित्र में शामिल है जिसे आस्कर के लिए नामित किया गया है। तीन से पांच फिल्मों की अंतिम सूची आगामी 12 जनवरी को जारी होगी। स्माइल पिंकी का प्रीमियर पिछले जून में अमेरिका में हो चुका है और इसे खूब वाहवाही मिली है। मेगन माइलन के एक और वृत चित्र 'द लास्ट ब्याय आफ सूडान' को आस्कर में पुरस्कार मिल चुका है।

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