Friday, July 23, 2010

नवजात की देखभाल में उड़ा देती है नींद


नवजात की परवरिश 'बच्चों' का खेल नहीं। इसका खामियाजा माता-पिता को अपनी नींद को कुर्बान करके भुगतना पड़ता है।
एक शोध से पता चला है कि जन्म से दो वर्ष तक एक बच्चे की परवरिश के दौरान माता-पिता को अपनी छह महीने नींद गंवानी पड़ती है।
समाचार पत्र 'डेली टेलीग्राफ' के मुताबिक 1000 माता-पिता पर किए गए शोध ने यह साफ कर दिया है कि शुरुआती दो वर्षो में वे रात में सिर्फ चार घंटे की निर्बाध नींद ले पाते हैं।
वैसे नींद का एक पूरा चक्र पूरा करने के लिए कम से कम पांच घंटों तक सोने की जरूरत होती है, लेकिन नवजात की देखभाल के कारण माता-पिता को शुरुआती दो वर्षो तक औसतन एक घंटा कम सोने को मिलता है।
तीन में से दो माता-पिता ने माना कि उन्हें एक बार में सिर्फ तीन से सवा तीन घंटे की ही नींद मिल पाती है। कुछ तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने कहा कि वे सिर्फ ढाई घंटे सो पाते हैं।
ऐसे में माता-पिता को अपनी दिनचर्या को पटरी पर लाने के लिए क्या करना चाहिए। नींद के विशेषज्ञ इफ्तिखार मिर्जा का कहना है कि इस दौरान माता-पिता को पौष्टिक आहार लेना चाहिए जिससे कि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे।
साथ ही रोजाना कुछ समय तक व्यायाम करना चाहिए। इससे शरीर से एंड्रोफिन्स का निकास होता है। एंड्रोफिन्स को मनोभाव में तेजी से बदलाव आने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

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