Friday, May 21, 2010

अब कौमार्य भी पाइए कृत्रिम तौर पर


भारतीय समाज में शादी से पहले लड़कियों में कौमार्य अनिवार्य सी शर्त मानी जाती है, और शायद इसीलिए पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित महानगरों में अब ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिनमें लड़कियां सुंदर नाक-नक्श की तरह ही कौमार्य भी कृत्रिम तौर पर हासिल कर रही हैं।
आम तौर पर शारीरिक संबंधों, खेल संबंधी शारीरिक गतिविधियों या कभी किसी चोट के कारण योनि के भीतर की हायमन झिल्ली फट जाती है, जिसे दुरूस्त कराने की प्रक्रिया हायमेनोप्लास्टी कहलाती है। इस सर्जरी का उपयोग अब कृत्रिम तौर पर कौमार्य पाने के लिए भी किया जा रहा है।
क्या हायमेनोप्लास्टी के बढ़ते मामलों के पीछे महानगरीय संस्कृति भी एक बड़ा कारण है, इस सवाल के जवाब में मुंबई के कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. अनुराग तिवारी ने कहा कि निश्चित तौर पर, महानगरों में आजकल शादी से पहले शारीरिक संबंध आम बात हो गई है और इसी के चलते कई लड़कियां, जिनकी जल्द शादी होने वाली है, कॉस्मेटिक सर्जन का रुख करती हैं, ताकि शादी के पहले के शारीरिक संबंधों के बारे में भावी पति को पता न चले।
हालांकि उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि लंबे समय तक खेलों और ऐसी ही अन्य शारीरिक गतिविधियों से जुड़ी रहीं लड़कियां भी कई बार हायमेनोप्लास्टी कराती हैं।
डॉ. तिवारी ने कहा कि हायमेनोप्लास्टी मुख्य तौर पर योनि में कसाव लाने की प्रक्रिया है। पहले शारीरिक संबंध के बाद हायमन झिल्ली फट जाती है, जिसे दोबारा दुरूस्त करने के लिए हायमेनोप्लास्टी की जाती है। इसकी जरूरत कई बार उन लड़कियों को भी पड़ती है, जो खेलों या एथलेटिक्स संबंधी गतिविधियों में शामिल होती हैं, ताकि शादी के बाद किसी तरह की गलतफहमी न पैदा हो।
इस संबंध में दिल्ली के ख्यातिप्राप्त कास्मेटिक सर्जन डॉ. पी के तलवार ने बताया कि पिछले कुछ सालों में हायमेनोप्लास्टी के मामलों में इजाफा हुआ है और जल्द शादी करने जा रही लड़कियां यह सर्जरी कराने से नहीं हिचक रहीं।
डॉ. तलवार ने बताया कि निश्चित तौर पर लड़कियों और महिलाओं का हायमेनोप्लास्टी की ओर रुझान बढ़ा है। यह सर्जरी कराने वालों में हर वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। कॉलेज जाने वाली लड़कियां, जिनकी शादी होने वाली है और कई तो शादीशुदा भी, इस सर्जरी से भावी जीवन का आनंद उठाने से नहीं हिचक रहीं।
डॉ. तलवार ने कहा कि शादीशुदा महिलाएं प्रसव के बाद भी कई बार इस सर्जरी का सहारा लेती हैं। कई महिलाएं ऐसी भी आती हैं, जिनकी शादी को 20 से भी ज्यादा वर्ष हो गए हैं और वे आगे भी वैवाहिक जीवन का भरपूर सुख उठाना चाहती हैं, इसलिए इस सर्जरी का विकल्प अपनाती हैं।
कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. मनीषा मनसुखानी उपचार की सुलभता को हायमेनोप्लास्टी के बढ़ते मामलों के पीछे का कारण मानती हैं। डॉ. मनीषा ने बताया कि देर से शादी और सामाजिक तौर पर खुलेपन के कारण भी लड़कियां हायमेनोप्लास्टी कराती हैं।
कॉस्मेटिक सर्जन ने बताया कि देर से शादी और ब्वॉयफ्रेंड्स की लंबी फेहरिस्त अब सोशल स्टेटस सिंबल बन गए हैं। ऐसे में लड़कियों को हायमेनोप्लास्टी के रूप में एक आसान विकल्प मिल जाता है। मेडिकल तकनीक दिनों-दिन आसान होती जा रही है और इसका फायदा हर वर्ग उठा रहा है।
डॉ. मनीषा के मुताबिक, इसके बाद भी कहा जा सकता है कि अब तक यह प्रक्रिया काफी हद तक उच्च या मध्यम वर्ग की महिलाओं के बीच ही सीमित है।

2 comments:

Arvind Mishra said...

जहां न पहुचे रवि वहां पहुंचे प्रौद्योगिकी /सर्जरी

Rajeysha said...

कृत्रि‍म प्रेम को इन सब चीजों की बहुत जरूरत पड़ती है।