मार्गरीता म्बाईवांगी नामक महिला पराग्वे के मंत्रिमंडल की सदस्य बन गई है जिसका कहना है कि उसे जंगल से पकड़ा गया और मजदूरी करने के लिए कई बार बेचा गया था।
लेकिन मार्गरीता म्बाईवांगी नामक इस महिला ने दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे के मूल निवासियों का जीवनस्तर सुधारने की शपथ ली है। राष्ट्रपति फनान्दो ल्यूगो ने सोमवार को 46 वर्षीय मार्गरीता को मूल निवासी मामलों का मंत्रालय सौंपा।
पराग्वे में कोलोराडो पार्टी के 61 साल के शासन के खात्मे के बाद शुक्रवार से ल्यूगो की सरकार ने कामकाज संभाला है।
तीन बच्चों की मां मार्गरीता हाईस्कूल डिप्लोमा के लिए पढ़ाई कर रही हैं। वह पराग्वे में जनजातीय मामलों को देखने वाली पहली मूल-निवासी महिला बन गई हैं। मार्गरीता ने चैनल 2 टेलीविजन से बातचीत में कहा कि जब मैं चार साल की थी तब अंग्रेजों ने जंगल से मेरा अपहरण कर लिया था। मुझे मजदूरी के लिए कई बार बेचा गया। मुझे खरीदने वाले कुछ परिवारों ने मुझे स्कूल भी भेजा ताकि मैं पढ़ लिख सकूं। उनके कथित मालिकों ने उन्हें बताया कि वह एक मूल निवासी हैं।
मार्गरीता को मंत्री बनाए जाने का अन्य जनजातीय नेताओं ने विरोध किया। उन्होंने आशंका जताई कि मार्गरीता भूमि विवाद को लेकर अपने लोगों का समर्थन करेंगी। बहरहाल, मार्गरीता ने कहा कि वह तनाव दूर करने केलिए अपने विरोधियों के साथ भी मेलमिलाप की नीति अपनाएंगीं।
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