Monday, February 15, 2010

अब नन्ही सी 'फ्रूट फ्लाई' खुलेगा मोटापे का राज


एक नन्ही सी 'फ्रूट फ्लाई' की नन्ही सी जीभ से हमारे खाने-पीने की आदतों का पता चल सकता है। एक नए अध्ययन के मुताबिक इन मक्खियों ने मोटापे के इलाज की नई संभावनाएं पैदा कर दी हैं।
ड्रॉसोफीलिया को सामान्य तौर पर 'फ्रूट फ्लाई' के नाम से भी जाना जाता है और ये मक्खियां चावल के एक दाने से भी छोटी होती हैं। दुनियाभर में इन मक्खियों की 1,500 प्रजातियां पाई जाती हैं।
टेक्सास के ए एण्ड एम विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के प्रोफेसर पॉल हार्डिन और उनके सहयोगियों ने ड्रॉसोफिला की जीभ की जांच की। इस बेहद छोटे आकार की मक्खी की जीभ ही उनमें कुछ खाने या न करने की इच्छा पैदा करती है। उन्होंने ऐसे कई कारकों, खासकर उनकी आंतरिक दैनिक घड़ी को देखा, जो कि इन मक्खियों के खाने के प्रति व्यवहार को निर्धारित करती है और स्वाद के प्रति यही संवेदनशीलता मानव में भी लागू होती है।
हार्डिन ने कहा कि मक्खियों में खाने के फैसले को प्रभावित करने वाली यह घड़ी स्वाद संवेदी कोशिकाओं के अंदर होती है, जहां से वे खाने या न खाने का संकेत भेजती हैं।
हार्डिन ने बताया कि मनुष्य में भी यह घड़ी होती है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी स्वाद संवेदी कोशिकाओं की घडि़यां भी कब और कितना खाना है पर नियंत्रण रखें तो यह मोटापे के लिए असरकारक हो सकता है।

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