Wednesday, February 17, 2010

दो भाषाएं कैसे सीखते हैं नवजात!


मां की गर्भावस्था के दौरान गर्भ में दो भाषाएं सुनने वाले शिशु जन्म के बाद दो भाषाएं सीखने की राह पर होते हैं।केवल एक भाषा बोलने वाली माताओं के शिशुओं की अपेक्षा द्विभाषी माताओं [जो गर्भावस्था के दौरान दो भाषाएं बोलती हैं] के शिशुओं की भाषाओं के प्रति अलग वरीयता होती है।

'युनीवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया' [यूबीसी] की मनोवैज्ञानिक क्रिस्टा बीयर्स-हीनलीन, जैनेट एफ। रेकर और फ्रांस के 'ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट' की ट्रैसी ब‌र्न्स नवजातों में भाषा वरीयता की जांच करना चाहती थीं।

शोधकर्ताओं ने इसके लिए नवजातों के दो समूहों पर शोध किया। इनमें से एक समूह में सिर्फ अंग्रेजी भाषा बोलने वाली माताओं के बच्चे थे। दूसरे समूह में तागालोग [फीलीपींस में बोली जाने वाली एक भाषा] और अंग्रेजी भाषा बोलने वाली माताओं के बच्चे थे। पहले समूह के बच्चों की माताएं गर्भावस्था के दौरान केवल अंग्रेजी भाषा बोलती थीं, जबकि दूसरे समूह के बच्चों की माताएं ताबालोग और अंग्रेजी बोलती थीं।

नवजातों की भाषा वरीयता को जांचने के लिए शोधकर्ताओं ने 'उच्च आयाम की चूसने की वरीयता प्रक्रिया' का इस्तेमाल किया।शोध में पता चला कि सिर्फ अंग्रेजी भाषा बोलने वाली माताओं के बच्चों में तागालोग की अपेक्षा अंग्रेजी के प्रति रुचि थी। जबकि दोनों भाषाएं बोलने वाली माताओं के नवजात बच्चों में दोनों भाषाओं के प्रति एक जैसी वरीयता थी।

परिणामों से स्पष्ट होता है कि दो भाषाओं के संपर्क में रहने से नवजातों की भाषा के प्रति वरीयता प्रभावित होती है और द्विभाषी माताओं के बच्चों को दोनों भाषाएं सुनने और सीखने के लिए तैयार किया जा सकता है।

No comments: