प्रभु की भक्ति में अपने को समर्पित कर चुकी ननों को अब मिस सिस्टर स्पर्धा के जरिए अपनी सुंदरता विश्व के समक्ष प्रदर्शित करने का मौका मिल सकेगा।
नेपल्स के निकट मोनड्रागोन के पादरी रेवरेंड अंतोनियो रुंगी नेकहा कि ननों को अलग नजरिया से देखा जाता है। आम जीवन में उनकी गिनती कम ही की जाती है। इस अनोखे विचार के जन्मदाता रुंगी के हवाले से मेल आनलाइन ने कहा कि नन बनने के लिए कुरूप दिखना जरूरी नहीं है। शारीरिक सुंदरता ईश्वर की देन है और हमें उसे छुपाना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि यह सौंदर्य प्रतियोगिता पहले आनलाइन शुरू होगी और इसमें केवल नन ही भाग ले सकेंगी। इटली के इस ईसाई पादरी को पूरा विश्वास है कि एक दिन यह प्रतियोगिता भी मिस इटली की तरह विश्वव्यापी स्पर्धा बन जाएगी।
रुंगी के मुताबिक इस स्पर्धा में 1000 ननों के हिस्सा लेने की उम्मीद की जा रही है। ननों की सौंदर्य प्रतियोगिता का विचार सामने आते ही रूढ़ीवादी इटालियन कैथलिक अकादमियों ने इसका विरोध किया है। उनका मानना है कि इससे ईश्वर भक्ति में अपने जीवन को समर्पित कर चुकी ननों के प्रति आदर में कमी आएगी।
2 comments:
यह प्रतियोगिता "सुपरहिट" होगी इसमें कोई शक नहीं है… :) :)
आभार समाचार के लिए.
Post a Comment