Saturday, August 30, 2008

घर का चौकीदार मुर्गा


मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के राजपुर तहसील मुख्यालय स्थित एक कृषक के घर की रखवाली उसके 13 वर्षीय पुत्र का दोस्त मुर्गा करता है।

राजपुर के ठाकुर मोहल्ले के कृषक संतोष गनवानी के सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले पुत्र कान्हा ने करीब एक वर्ष पूर्व पोल्ट्री फार्म से दो रुपये में एक चूजा खरीदा था। उसने बडे़ प्रेम से लालन-पालन करके उसे बड़ा किया। कान्हा के माता-पिता ने बताया कि वह मुर्गे के बगैर जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता। गोलू नामक मुर्गा कान्हा के साथ खाता-पीता और सोता है। कान्हा के घर आते ही मुर्गा उसके आसपास डोलने लगता है। स्कूल के अलावा शेष समय वह मुर्गे साथ ही बिताता है। कान्हा ने मुर्गे के लिए सर्वसुविधायुक्त अलमारी बनवाई है, जो उसके रहने के काम आती है।

वार्ड क्रमांक 13 के पार्षद राकेश कुशवाह इस चर्चित मुर्गे की विशेषताएं बताते नहीं अघाते। कुशवाह ने बताया कि मुर्गा अनजान लोगों को घर में प्रवेश नहीं करने देता। गत आठ महीने से मुर्गा घर की चौकीदारी कर रहा है, इसके चलते कृषक के घर आने वालो को खासी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। अनजान लोगों के घर आने पर यह मुर्गा हमला करके चोंच से घायल कर देता है। आगंतुक मुर्गे से डर कर कृषक के घर आने के पूर्व दस बार सोचते हैं।

पड़ोस में रहने वाली सेवंती बाई ने बताया कि मुर्गा उसे और अन्य कई लोगों को अब तक घायल कर चुका है। मुर्गे के कारण संतोष गनवानी को कई वार विवादों का भी सामना करना पड़ा है।

1 comment:

Arvind Mishra said...

यह तो कोई फ्रंकेस्तीनियन मुर्गा लगता है !