Tuesday, February 2, 2010

'हम' शब्द जिंदगी को बनाता है मजबूत


आप अपनी शादीशुदा जिंदगी को चिरस्थाई बनाना चाहते हैं? इसके लिए अधिक कुछ करने की जरूरत नहीं है केवल इतना भर करना है कि मैं या तुम की बजाय 'हम' शब्द का इस्तेमाल करें। एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दावा किया है कि दंपति को एक-दूसरे को 'मैं' या 'तुम' की बजाय 'हम' कहकर बात करनी चाहिए। ऐसा करना अधिक सकारात्मक और भावनात्मक व्यवहार को दर्शाता है तथा इससे पति और पत्नी दोनों ही अपने संबंध से अधिक संतुष्ट होंगे।
बर्कले यूनिवर्सिटी के राबर्ट लेवेन्सन की अगुवाई में शोधकर्ताओं ने अपने शोध में 'तनाव बढ़ाने वाले संवाद' के जरिए 154 जोड़ों को शामिल किया और पोलीग्राफ के जरिए उनकी मनोचिकित्सकीय प्रतिक्रिया की निगरानी की।
शोध में पाया गया कि बुजुर्ग दंपति अधेड़ दंपतियों के मुकाबले 'हम' शब्द का अधिक प्रयोग करते हैं और ऐसा करते समय उनके हृदय की गति में कम उतार चढ़ाव होता है और नकारात्मक भावनात्मक प्रतिक्रिया भी कम रहती है। इसके अलावा दोनों को सकारात्मक भावनात्मक प्रतिक्रिया मिलने की संभावनाएं भी अधिक रहती हैं।
'न्यू साइंटिस्ट' में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि ऐसा नहीं है कि जो पार्टनर 'हम शब्द' का इस्तेमाल करता है, उसे ही फायदा होता है बल्कि दूसरे पार्टनर पर भी इसका राहतकारी असर होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, दंपति में से यदि कोई एक 'मैं या तुम' शब्द का इस्तेमाल करता है तो इससे संबंधों में 'अलगाव' की भावना पनपती है।
रिपोर्ट में टीम के सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि यह 'मैं और तुम' की प्रवृत्ति शादी के लिए 'जहर' है। दंपति अपनी हताशा जाहिर करने के लिए अलगाववादी भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो अक्सर गलत प्रभाव डालने वाली और विनाशक होती है।
शोध कहता है कि शादीशुदा जिंदगी के रोजमर्रा के नकारात्मक भावनात्मक प्रभावों को कम करना दोनों के स्वास्थ्य के लिए भी सही रहता है। यदि इस प्रकार की बहस में पति अधिक आक्रोशित होते हैं और नकारात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो दिल की बीमारियों को न्यौता देते हैं।
शोध रिपोर्ट 'साइकोलोजी एंड ऐजिंग' जर्नल में प्रकाशित हुई हैं।

1 comment:

Udan Tashtari said...

सही कहा हम में अहम नहीं होता.