Thursday, September 4, 2008

गोरों के देश का हर तीसरा बच्चा 'श्वेत' नहीं


कभी गोरों का देश कहे जाने वाले ब्रिटेन की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि ब्रिटेन में जन्म लेने वाला हर तीसरा बच्चा श्वेत नहीं होता।

सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि वर्ष 2005 में जन्म लेने वाले छह लाख 49 हजार 371 बच्चों में केवल 64 फीसदी ही श्वेत थे। स्थानीय अखबार 'डेली स्टार' में छपी खबर के मुताबिक शेष बच्चों में करीब नौ फीसदी एशियाई थे। पांच फीसदी अश्वेत या ब्रिटिश अश्वेत और लगभग 3.5 फीसदी बच्चे मिश्रित नस्ल के थे।

आंकड़े इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि ब्रिटेन में अविवाहित माता-पिता की संख्या बढ़ रही है। देश में रह रहे कैरेबियाई समूहों में यह संख्या सर्वाधिक है। इस समूह का हर तीन में एक बच्चा ही विवाहित माता-पिता की संतान है।

राष्ट्रीय जनांकिकी विभाग की इस रिपोर्ट को लेकर ब्रिटेन में मिश्रित प्रतिक्रिया जताई जा रही हैं। रेस इक्वलिटी फाउंडेशन की निदेशक रत्ना दत्त इस बदलाव को अच्छा मानती हैं। रत्ना का कहना है कि पूर्व की तुलना में ब्रिटेन में अब ज्यादा नस्लीय विविधता है, जो अच्छी बात है।

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